Monday, 11 June 2012

**नंदप्रयाग एवं चमोली के मध्य बदरीनाथ मार्ग पर स्थित है मैठाणा ।


**जहां विराजते हैं साक्षात् नारायण और नारायणी ,


**जो निरंतर का रहे हैं यहाँ भोले नाथ की पूजा । 


मैठाणा लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में है यह भगवान शंकर जी का अदभुद चमत्कारी शिवलिंग ,इस दिब्य लिंग में भक्तों को दिन में तीन अलग अलग रंगों में भगवान के दर्शन होते हैं | सुबह लाल , दोपहर में एक हिस्सा लाल तो दूसरा नीला जबकि साध्य काल में एक दम नीले रंग में नीलाम्बर रूप में दर्शन होते हैं | एक मान्यता नुसार कहा जाता है की इस जगह पर भगवान नारायण शिव की पूजा करते हैं जबकि लक्ष्मी जी श्री नारायण जी को पूजा में सहयोग कर रही हैं यहाँ पर , मैठाणा मंदिर क्षेत्र में कहते हैं कि लक्ष्मी नारायण जी सांसारिक मोह माया से अलग होकर देवाधिदेव भोलेनाथ जी कि पूजा करते हैं | तभी तो मैठाणा में लक्ष्मी जी नारायण जी के बामांग अर्थात बायें भाग के बजाय दायें भाग में विराजी हैं , यहाँ पर आज भी आप देखेंगे कि भगवान नारायण जी का मंदिर दायें एवं लक्ष्मी जी का मंदिर बायें भाग में है और दोनों के मध्य विराजते हैं देवाधिदेव भोलेनाथ जी ...| चलो रे भक्तो मैठाना नारायण धाम |


शशि भूषण मैठाणी "पारस"


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खुला निमंत्रण - 


20 एवं 21 जून  को  "मैठाणा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर" में भगवान सत्यनारायण जी की कथा का आयोजन किया जा रहा है , इस अवसर पर आप सभी भक्त जन भी पधार कर कथा श्रवण एवं परसाद  ग्रहण कीजियेगा ....धन्यबाद , सहित शशि भूषण मैठाणी "पारस"   -आयोज  

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